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Farmers Protest: किसान 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से मिलने को राजी, बैठक के लिए चार सूत्रीय एजेंडा रखा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान यूनियनों ने शनिवार को सरकार के नए कृषि कानूनों पर गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत की पेशकश पर सहमति व्यक्त की। किसानों ने सरकार के साथ अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे प्रस्तावित की। संयुक्त किसान मोर्चा ने ये फैसला लिया है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा 40 किसान यूनियनों से मिलकर बना है जो बीते करीब एक महीने से केंद्र सरकार की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस हफ्ते की शुरुआत में, सरकार ने किसानों को एक पत्र भेजा था और उनसे बातचीत के अगले दौर के लिए एक तारीख और समय का प्रस्ताव देने का आग्रह किया था। पत्र में, कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने किसानों से पूछा उन सभी अन्य मुद्दों का विवरण प्रदान करें, जिन पर वे चर्चा करना चाहते हैं। सरकार के इस निमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए, किसानों ने आज कहा कि वे हमेशा खुले दिल से विचार-विमर्श करने के लिए तैयार हैं और बैठक के लिए चार सूत्रीय एजेंडा रखा।

1. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो।

2. मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे।

3. कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।

4. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।

क्या कहा किसान नेताओं ने?
इसे लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि मीटिंग में यह भी तय किया गया कि किसान 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे। पाल ने कहा, हम दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे किसानोंके साथ नए साल का जश्न मनाएं। एक अन्य किसान नेता, राजिंदर सिंह ने कहा, 'हम सिंघू से टीकरी और केएमपी तक मार्च करेंगे। हम आसपास के राज्यों के किसानों को अपनी ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों में बड़ी संख्या में आने के लिए कहते हैं। अगर सरकार नहीं चाहती है कि हम केएमपी राजमार्ग को अवरुद्ध करें तो वे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा कर सकते हैं।

बता दें कि सरकार और यूनियनों के बीच पिछले पांच दौर की बातचीत विफल रही है। किसान चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए जबकि सरकार ऐसा करने को तैयार नहीं है। सरकार का कहना है कि इन कानूनों के जिन-जिन बिंदुओं पर किसानों को आपत्ति है वह उसमे संशोधन को पूरी तरह से तैयार है।



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Farmer leaders decide to resume talks with govt, propose meeting on December 29
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source https://www.bhaskarhindi.com/national/news/farmer-leaders-decide-to-resume-talks-with-govt-propose-meeting-on-december-29-198678

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